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एक टीकाकरण(वैक्सीनेशन) कार्ड
ताकि बीमारियां को रोका जाए। लेकिन बचपन नही।

बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) का मानना है कि टीकाकरण (वैक्सीनेशन) में देरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। उन्हें संभावित गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए समय पर टीकाकरण करवाना आवश्यक है। 18 वर्ष की आयु तक अनुशंसित* टीकों की सूची देखने के लिए बेबी आइकन को नीचे ड्रैग करें।


 

बाएँ या दाएँ ड्रैग करें

जन्म

  • बीसीजी (1 में से 1)
  • ओपीवी (1 में से 1)
  • हेपेटाइटिस बी - 1 (4 में से 1)

6 सप्ताह

  • डीटीपी- 1 (3 में से 1)
  • रोटावायरस - 1 (3 में से 1)
  • हिब-1 (4 में से 1)
  • पीसीवी- 1 (4 में से 1)
  • हेपेटाइटिस बी - 2 (4 में से 2)
  • आईपीवी- 1 (5 में से 1)

10 सप्ताह

  • डीटीपी- 2 (3 में से 2)
  • रोटावायरस - 2 (3 में से 2)
  • पीसीवी- 2 (4 में से 2)
  • हिब- 2 (4 में से 2)
  • हेपेटाइटिस बी - 3 (4 में से 3)
  • आईपीवी- 2 (5 में से 2)

14 सप्ताह

  • रोटावायरस - 3 (3 में से 3)
  • डीटीपी- 3 (3 में से 3)
  • पीसीवी- 3 (4 में से 3)
  • हिब- 3 (4 में से 3)
  • हेपेटाइटिस बी - 4 (4 में से 4)
  • आईपीवी- 3 (5 में से 3)

6 माह

  • इन्फ्लुएंजा वैक्सीन - 1 (2 में से 1)

7 माह

  • इन्फ्लुएंजा वैक्सीन - 2 (2 में से 2)

9 माह

  • टाइफाइड कॉन्जुगेट वैक्सीनेशन (1 में से 1)
  • पीला बुखार (1 में से 1)
  • मेनिन्जाइटिस एसीडब्ल्यूवाई - 1 (2 में से 1)
  • एमएमआर - 1 (3 में से 1)

क्या आप कोविद-19 महामारी के दौरान अपने बच्चे के छूट गये टीकाकरण के बारे में चिंतित हैं?

अपने प्रश्नों के उत्तर नीचे पाएं और
छूटे हुए या आगामी टीकाकरण के लिए आज ही अपने बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें!

मुझे नहीं पता कि मेरे बच्चे का कोई टीका छूट गया है या नही, तो मुझे क्या करना चाहिए?
  • समय पर टीकाकरण बच्चों को गंभीर व संभावित प्राणघातक बीमारियों से बचाने का बहुत बढ़िया तरीका है। सेंटर्स फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) अनुशंसा करता है कि बच्चों को अनुशंसित टीकाकरण समय-सारणी के अनुसार टीका लगाया जाना चाहिए।
  • टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के माध्यम से, वर्तमान में जन्म लेने वाले बच्चों को ऐसी गंभीर बीमारियों से बचाने के कई अधिक अवसर मिल पा रहे हैं जो आगे चलकर बहुत बड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं और कुछ मामलों में तो प्राणघातक भी हो सकती हैं।
  • प्रत्येक टीकाकरण (वैक्सीनेशन) महत्त्व रखता है।
मैं कैसे सुनिश्चित कर सकता हूँ कि मेरे बच्चे को सही समय-सारणी के अनुसार टीका लगाया गया है?
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी वैश्विक दिशानिर्देश: टीकाकरण एक आवश्यक स्वास्थ्य सेवा है। टीकाकरण सेवाओं में रुकावट, चाहे थोड़े समय के लिए हो हो, के परिणामस्वरूप अतिसंवेदनशील व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि होगी और टीके (वैक्सीन) के माध्यम से रोकी जा सकने वाली बीमारियों (वीपीडी) के मामले बढ़ने की संभावना बहुत अधिक हो जायेगी।
  • टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के माध्यम से, वर्तमान में जन्म लेने वाले बच्चों को ऐसी गंभीर बीमारियों से बचाने के कई अधिक अवसर मिल पा रहे हैं जो आगे चलकर बहुत बड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं और कुछ मामलों में तो प्राणघातक भी हो सकती हैं।
  • प्रत्येक टीकाकरण (वैक्सीनेशन) महत्त्व रखता है।
क्षय रोग का इलाज कैसे किया जाता है?
  • चिकित्सा विज्ञान लगातार उन्नति कर रहा है, और इसी उन्नति के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में कई तरह के नए टीकों का विकास हो रहा है।
  • टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के माध्यम से, वर्तमान में जन्म लेने वाले बच्चों को ऐसी गंभीर बीमारियों से बचाने के कई अधिक अवसर मिल पा रहे हैं जो आगे चलकर बहुत बड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं और कुछ मामलों में तो प्राणघातक भी हो सकती हैं।
  • प्रत्येक टीकाकरण (वैक्सीनेशन) महत्त्व रखता है।

टीकाकरण द्वारा 20 से अधिक जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है।

टीकाकरण (वैक्सीनेशन) से हमें कई देशों में टीके के माध्यम से रोकी जा सकने वाली अधिकांश बीमारियों को बहुत नीचले स्तर तक कम करने में मदद मिली है। हालांकि, अगर लोगों को उनके लिए प्रासंगिक टीके (वैक्सीन) मिलना बंद हो जाते हैं, तो हम कुछ ऐसी बीमारियों के मामलों में पुन: वृद्धि देख सकते हैं, जिनको टीके के माध्यम से रोका जा सकता है।

टीके (वैक्सीन) से मदद मिली है:

  • चेचक (स्मालपोक्स) को जड़ से खत्म करने
  • पोलियो को लगभग खत्म करने
  • पूरे विश्व भर में 2000 और 2018 के बीच खसरे से होने वाली मौतों में 73% की कमी आई है।
  • 2000-2018 के बीच रूबेला के मामलों में 97% की कमी आई है।

टीके (वैक्सीन) से समाज को भी मदद मिली है:

  • व्यक्तिगत- टीकाकरण(वैक्सीनेशन) से स्वास्थ्य व कल्याण को बेहतर बनाने में मदद मिली है, क्योंकि इससे टीके के माध्यम से रोकी जा सकने वाली बीमारियों से सुरक्षा मिली है, जो ऐतिहासिक दृष्टि से बच्चों में मृत्यु का एक सामान्य कारण था।
  • समुदाय- टीकाकरण(वैक्सीनेशन) से समुदायों के भीतर टीके के माध्यम से रोकी जा सकने वाली बीमारियों के प्रसार को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • अर्थव्यवस्था- अध्ययनों से पता चला है कि टीकाकरण(वैक्सीनेशन) से आर्थिक विकास, उत्पादकता और कार्यबल सहभागिता पर लाभकारी प्रभाव पड़े हैं।

* भारतीय बाल रोग अकादमी की टीकाकरण व प्रतिरक्षण प्रथाओं की सलाहकार समिति द्वारा 2018-19 में दी गई सिफारिशों के अनुरूप

ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा प्रारंभ की गई एक जन जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत।

इस सामग्री में प्रदर्शित होने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इस सामग्री में दी गई जानकारी किसी भी तरह का चिकित्सा-संबंधी परामर्श नहीं है। अपनी परिस्थिति के संबंध में किसी भी चिकित्सा-संबंधी संदेह, किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए निर्दिष्ट रोग सूची पूर्ण नहीं है, टीकाकरण(वैक्सीनेशन) की पूर्ण समय-सारणी के लिए कृपया अपने बच्चे के बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। इस सामग्री में दिखाए गए डॉक्टर केवल उदाहरण के लिए प्रस्तुत किये गये हैं और वास्तव में वे पेशेवर मॉडल हैं। रोग के आइकॉन/चित्र और एनीमेशन केवल उदाहरण के लिए प्रदर्शित किये गये हैं।

अपने बच्चे की सुरक्षा में संभावित कमियों को पहचानें

यह देखने के लिए एक व्यक्तिगत टाइमलाइन बनाएं कि क्या आपके बच्चे का टीकाकरण छूट तो नही गया है*.

अभी उपयोग करना प्रारंभ करें

2021(c) ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड। सर्वाधिकार सुरक्षित
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उद् घोषणा (डिस्क्लेमर):
यह वेबसाइट केवल भारत के निवासियों के लिए है।
यहाँ बताये गये रोगों की सूची आईएपी (भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी या इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स) द्वारा उनकी सामान्य व कैचअप वैक्सीनेशन सिफारिशों के तहत जारी वैक्सीन द्वारा रोके जा सकने वाले रोगों की सूची में शामिल है। इस सूची के अलावा भी ऐसे कई रोग हो सकते हैं, जो आपके बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा प्रारंभ की गई एक जन जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत। इस सामग्री में प्रदर्शित होने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इस सामग्री में दी गई जानकारी किसी भी तरह का चिकित्सा-संबंधी परामर्श नहीं है। अपनी परिस्थिति के संबंध में किसी भी चिकित्सा-संबंधी संदेह, किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए निर्दिष्ट रोग सूची पूर्ण नहीं है, टीकाकरण(वैक्सीनेशन) की पूर्ण समय-सारणी के लिए कृपया अपने बच्चे के बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। इस सामग्री में दिखाए गए डॉक्टर केवल उदाहरण के लिए प्रस्तुत किये गये हैं और वास्तव में वे पेशेवर मॉडल हैं।
सीएल कोड: NP-IN-ABX-WCNT-210003, DoP Dec 2021

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